नई दिल्ली। गोवा में कांग्रेस के सरकार बनाने के दावे के बाद बीजेपी सतर्क हो गई है। उसे आशंका है कि कांग्रेस कर्नाटक वाला दांव गोवा में अगर खेलती है तो दिक्कत हो सकती है। महत्वपूर्ण है कि गोवा में सीएम मनोहर पर्रिकर की जगह किसी और नेता को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला भी बीजेपी के लिए आसान नहीं है। ऐसे में फिलहाल बीजेपी इस कोशिश में है कि भले ही पर्रिकर अस्पताल में हों लेकिन मुख्यमंत्री बदलने के लिए जल्दबाजी न की जाए और अगर बदलना भी हो तो पहले सहयोगियों को इसके लिए तैयार किया जाए।बीजेपी सूत्रों का कहना है कि इस वक्त बीजेपी सरकार के बहुमत की वजह तीन-तीन विधायकों वाली दोनों पार्टियों के अलावा तीन निर्दलीय विधायक हैं। पार्टी को लग रहा है कि बीमार पर्रिकर की जगह अगर किसी और को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो पार्टी के भीतर ही घमासान शुरू हो सकता है। ऐसे में पार्टी विधानसभा भंग करने की संभावनाओं पर विचार करती, इससे पहले ही कांग्रेस के दांव से अब राज्यपाल के लिए भी कांग्रेस को अवसर दिए बिना विधानसभा भंग करना आसान नहीं होगा।हालांकि पार्टी नेताओं का कहना है कि गोवा में सरकार को कोई खतरा नहीं है लेकिन जिस तरह से पार्टी नेताओं के गोवा में दौरे शुरू हुए हैं, उससे संकेत मिलने लगे हैं कि खुद बीजेपी वहां की स्थिति को लेकर सहज नहीं है। पार्टी की चिंता यह है कि कांग्रेस कहीं कर्नाटक वाला दांव खेलते हुए फिलहाल बीजेपी से इतर पार्टियों में से किसी को मुख्यमंत्री पद की पेशकश न कर दे। अगर इनमें से एक भी दल के तीन विधायक कांग्रेस के समर्थन में आते हैं तो स्थिति बदल जाएगी। इस स्थिति से बचने के लिए पार्टी को लग रहा है कि फिलहाल बीमार होने के बावजूद पर्रिकर की जगह तब तक किसी और को मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान न किया जाए, जब तक पार्टी के भीतर और सहयोगियों के साथ पूरी तरह से सहमति न बन जाए। गोवा में सीएम बदलने की चर्चा के बीच सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। जहां सत्ताधारी दल इस चर्चा को तूल नहीं दे रहा, वहीं कांग्रेस ने गोवा की राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा भेजा है। उल्लेखनीय है कि पर्रिकर की बीमारी के चलते वहां सरकार की स्थिरता को लेकर उठ रहे सवालों को कांग्रेस अपने लिए एक मौके के तौर पर देख रही है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस वहां हालात पर नजर बनाए हुए है। हालांकि कांग्रेस ने वहां गोवा की राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा था, लेकिन वक्त न मिलने की स्थिति में उसने अपनी तरफ से राज्यपाल को लेटर दिया, जिसमें कहा गया कि कांग्रेस वहां न सिर्फ सरकार बनाने को इच्छुक है, बल्कि वह वहां स्थायी सरकार भी देगी। कांग्रेस की ओर से 14 विधायकों ने जाकर इस बारे में ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा। वैसे वहां कांग्रेस के 16 विधायक हैं। हालांकि कांग्रेस अच्छी तरह से समझ रही है, उसका दावा महज एक राजनैतिक कवायद भर है। बताया जाता है कि पिछले कई मौकों पर मौका चूकने वाली कांग्रेस कोई अवसर हाथ से जाने नहीं देना चाहती। कांग्रेस के एक नेता का कहना था कि दावा करने में हर्ज नहीं है लेकिन गोवा में कुछ कहा नहीं जा सकता, क्योंकि दोनों पक्षों का अंतर बेहद कम है।
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